नमस्कार दोस्तों इस लेख में फल शब्द रूप बताया गया है शब्द रूप संस्कृत में काफी महत्पूर्ण माना गया है क्योंकि शब्द से ही आप वाक्य का निर्माण कर सकते है इसलिए शब्द को वाक्य की सबसे छोटी इकाई भी कहा गया है जैसे की फल अकारान्त नपुंसकलिंग शब्द है तो इससे संज्ञा और सर्वनाम के शब्दो को पद बनाने के लिए अलग अलग विभक्तियों का प्रयोग किया जाता है जिसमें प्रथमा, द्वितीया आदि शामिल होती है।
फल शब्द रूप के साथ सभी शब्दो और पदों का उपयोग पुल्लिङ्ग्, स्त्रीलिङ्ग और नपुसकलिङ्ग के साथ एकवचन, द्विवचन और बहुवचन में किया जाता है।
फल शब्द रूप
फल अकारान्त नपुसलिंग शब्द है और सभी आकारान्त नपुंसकलिंग संज्ञापदों जैसे फल, पुस्तक, कलम, पत्रम इसी तरह बनाया जाता है।
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
---|---|---|---|
प्रथमा | फलम् | फले | फलानि |
द्वितीया | फलम् | फले | फलानि |
तृतीया | फलेन | फलाभ्याम् | फलै: |
चतुर्थी | फलाय | फलाभ्याम् | फलेभ्य: |
पंचमी | फलात् | फलाभ्याम् | फलेभ्य: |
षष्ठी | फलस्य | फलयो: | फलानाम् |
सप्तमी | फले | फलयो: | फलेषु |
संबोधन | हे फलम् | हे फले | हे फलानि |
निष्कर्ष
उम्मीद है दोस्तों इस लेख से आपको फल शब्द रूप जानने को मिले होंगे और आपको फल शब्द संस्कृत में भी सीखने को मिले होंगे इसके अलावा भी आपको कोई अन्य शब्द रूप जानना है तो कमेंट बॉक्स में जरूर बताए।
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