नमस्कार दोस्तों आपने कभी न कभी NGO का नाम सुना होगा लेकिन आपको पता नहीं होगा की NGO क्या है और यह क्या कार्य करता है तो लेख को पूरा पढ़े आपको पूरी जानकारी मिलेगी। दोस्तों अगर NGO की बात करें तो यह हर एक बेसहारा व्यक्ति के लिए भगवान का रूप होता है जो देश के हर व्यक्ति की मदद करता है NGO द्वारा अनाथ बच्चों , बुजुर्ग परिजनों जिन्हें घर से बाहर निकाल देते है और हमारी बहने जो एसिड अटैक या रैप की शिकार हो जाती है और फिर समाज उन्हें जीने नहीं देता उनके लिए NGO हर सहायता देने के लिए तैयार रहता है।
NGO निजी स्तर पर संगठन होता है जो बिना किसी लाभ और पैसे के सिर्फ इंसानियत के नाते हर व्यक्ति की मदद करता है। इसके अलावा NGO देशहित और पर्यावरण के लिए भी कार्य करता है। NGO क्या और यह कार्य करता है के बारे में ज्यादा जानने के लिए लेख अच्छी तरह पूरा पढ़े।
NGO क्या है
NGO की English में Full Form:- Non-Governmental Organization
NGO का हिंदी में पूरा नाम :- गैर सरकारी संगठन
NGO एक निजी स्तर पर चलने वाला संगठन है जो समाज कल्याण और देशहित से जुड़े कार्य करता है , यह सभी प्राइवेट संस्थाएँ देश भर में समाज सेवा करती है जो गरीब बच्चों को पढ़ाते है , बुजुर्ग लोगो और विधवा महिला को रहने के लिए छत प्रदान करते है और उनकी स्वास्थ्य की देखभाल करते है। इसके अलावा NGO में महिलाओं की सुरक्षा और कुपोषण व अन्य बीमारियों से निदान करता है।
NGO शुरुआत सबसे पहले अमेरिका में हुई थी जिसका मुख्य उद्देश्य जनकल्याण और देशहित में कार्य करना था इसी तरह आज पुरे विश्व में यह प्राइवेट संस्थाए चल रही है और हर मुसीबत में फँसे लोगों की सहायता कर रही है।
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NGO क्या कार्य करता है
दोस्तों आपको NGO के बारे में पूरी तरह से पता चल चूका होगा और NGO के कार्य देखते है। दोस्तों NGO का उद्देश्य पैसे कमाना और लाभ के लिए नहीं होता है यह गरीबों और समाज द्वारा सताए लोगों की देखभाल करता है और इसी सामाजिक कल्याण के उद्देश्य से अमेरिका में NGO की शुरुआत हुई थी।
NGO में काम और जिम्मेदारी काफी होती है इसलिए किसी एक व्यक्ति द्वारा इसे मैनेज करना काफी मुश्किल होता है। NGO के लिए 7 या इससे अधिक व्यक्तियों की आवश्यकता होती है ताकि वे सभी परेशानियो और कार्यो को एक - दूसरे के साथ बाँट सकते है।
अगर कोई व्यक्ति दूसरों की सहायता करना चाहते है तो वे अपने परिवार या दोस्तों के साथ मिलकर NGO की शुरुआत कर सकता है और इसमें आपको सरकारी रजिस्ट्रेशन की भी आवश्यकता नहीं है और अगर NGO को सरकारी रजिस्ट्रेशन करवाते है तो सरकार भी NGO को चलाने के लिए समय समय पर राशि प्रदान करती है , इसके अलावा कई निजी कंपनिया भी आपका इस NGO को चलाने में साथ देती है।
भारत में कार्यरत सभी NGO Central Socities Act के अंतर्गत आते है जबकि राजस्थान के NGO Rajsthan Socities Act के अंतर्गत कार्य करते है। वर्तमान में पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा NGO भारत में ही है जो हर समय सक्रिय रहते है। जिनकी कुल संख्या 30 लाख से भी ज्यादा है जो हर व्यक्ति को आवश्यक सेवाए प्रदान करते है।
अपना NGO कैसे बनाए
- यदि कोई व्यक्ति अपने NGO को शुरू करना चाहता है तो उसे अपने आस पास की समस्याओं और अन्य कुछ जरूरी बातों की जानकारी होनी चाहिए। इसके अलावा अपने क्षेत्र के नियमों को भी Follow करें और अपने मिशन को सफल बनाए।
- सबसे पहले अपने आस पास उन व्यक्तियों की तलाश करें जो देश और समाज के हित में कुछ करना चाहते है और फिर उनको NGO के Mission, vision और objective बताए , इससे सभी उस NGO को लक्ष्य तक पहुँचा पाएँगे।
- NGO की एक कमेटी बनाए और उसमें सदस्यों को विभिन्न पद जैसे अध्यक्ष, सचिव, सलाहकार और कोषाध्यक्ष नियुक्त करें और सभी को उनकी रूचि के अनुसार काम बाँट दे।
- NGO अगर गैरसरकारी है तो एक जिम्मेदार व्यक्ति का चयन करें जो NGO की Financial Management, Human Resources और हर समस्या का निवारण करने की जिम्मेदारी लें सकें।
- NGO शुरू करने से पहले सभी आवश्यक दस्तावेज अपने पास रखें जो आपके NGO पर लोगो का भरोसा बढ़ा सकें।
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NGO के लिए जरूरी दस्तावेज
NGO को लोगो की नजरों में भरोसेमंद और सरकारी राशि प्राप्त करने के लिए कुछ जरूरी दस्तावेजों की आवश्यकता होती है जो निम्न प्रकार से है।
- ट्रस्ट डीड / मेमोरेंडम ऑफ एसोसिएशन
- नियम और विनियमन / ज्ञापन
- एसोसिएशन विनियमन के लेख
- राष्ट्रपति से शपथ पत्र
- आईडी प्रमाण (वोटर आईडी / आधार कार्ड)
- निवास प्रमाण
- पंजीकृत कार्यालय पता प्रमाण
- पासपोर्ट (अनिवार्य)
NGO के लिए बड़ी मात्रा में डोनेशन भी मिलता है इसके लिए पहले से ही NGO के नाम का एक बैंक अकाउंट जरूर खुलवायें ताकि जो भी डोनेशन आये वे आसानी से NGO को मिल सकें।
NGO रजिस्ट्रेशन प्रणाली
भारत में NGO रजिस्ट्रेशन के लिए 3 अधिनियम बनाए गए है जिसके तहत कोई भी व्यक्ति आसानी के साथ अपना NGO रजिस्टर करवा सकते है।
Trust Act
- Trust Act किसी भी राज्य के भीतर का एक्ट है यह राज्यों के अनुसार अलग अलग हो सकता है और अगर किसी राज्य में Trust Act नहीं है तो वहाँ पर 1882 Trust Act लागू होता है।
- Trust Act के लिए NGO में कम से कम 2 ट्रस्टियों की आवश्यकता होती है।
- Trust Act के तहत NGO खोलने के लिए व्यक्ति को Charity Commissioner या Registrar के Office में आवेदन करना होगा।
- अगर आपको Trust Act के तहत NGO खोलना है तो आपको Deed Document आवश्यक होगा।
सोसाइटी एक्ट
- सोसाइटी एक्ट के तहत NGO खोलने से पहले आपको 7 व्यक्तियों के ग्रुप की आवश्यकता होगी। क्यूँकि इसमें आपको Memorandum Of Association And Rules And Regulation Document बनाना जो यह ग्रुप देखकर ही बनाया जा सकता है किसी Stamp Paper को देखकर नहीं।
- सोसाइटी एक्ट में NGO को एक सोसाइटी की तरह बनाया जाता है जिसमें सोसाइटी के सदस्य शामिल होते है।
- महाराष्ट्र में सोसाइटी एक्ट में ट्रस्टी के तौर पर भी NGO को रजिस्टर कर सकते है।
Companies Act
- अगर आप 3 सदस्य मिलकर कोई NGO बनाना चाहते है तो Companies Act के तहत आप अपना खोल सकते है।
- Companies Act के तहत NGO खोलने के लिए Memorandum And Articles Of Association And Regulation Document की आवश्यकता होती है।
- इस Document के लिए किसी Stamp Paper की नहीं बल्कि 3 सदस्य ग्रुप की आवश्यकता होती है।
NGO के लिए फंड कहा से लाए
वेबसाइट और सोशल मीडिया के माध्यम से
- दोस्तों वर्तमान में डिजिटल युग है और सोशल मीडिया काफी ट्रेंड में है और इनसे आप अपने NGO के लिए काफी डोनेशन प्राप्त कर सकते है।
- सबसे पहले NGO की वेबसाइट और सभी सोशल मीडिया अकाउंट बनाए। वेबसाइट पर डोनेशन के लिए अपना बैंक अकाउंट जोड़े जिससे कोई भी आपको डोनेशन दे पाएगा।
- सोशल मीडिया काफी ताकतवर यहाँ से काफी अच्छा डोनेशन एकत्रित कर सकते है इससे दुनिया के हर कोने से लोग आपसे जुड़ सकेंगे।
सरकारी फंड
- यदि आपका NGO सरकार से रजिस्टर है तो आपको सरकार की तरफ से भी आर्थिक सहायता मिलेगी।
- इसके लिए आपको NGO का 2-3 साल के कार्य का रिकॉर्ड दिखाना होगा और सरकार के सभी Rules और Regulation भी पूरे करने होंगे।
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कंपनियों द्वारा फंडिंग
NGO के कार्य
- गरीबों को खाना उपलब्ध कराना
- अच्छी शिक्षा
- अनपढ़ गरीब लोगों को पढ़ाना
- महिलाओं को आवास उपलब्ध कराना
- समाज में किसी तरह की बीमारी से झुझ रहे लोगों की मदद करना।
- वृद्ध लोगों की मदद करना।
- पर्यावरण और देशहित की सुरक्षा करना
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