रोजा रखने की नियत | रोजा खोलने की दुआ | रोजा रखने की दुआ | हिंदी में

नमस्कार दोस्तों इस लेख में रोजा खोलने की दुआ बताई गयी है दोस्तों हमेशा की तरह रमजान का पवित्र महीना शुरू होने वाला है जिसमें दुनियाँ के सभी मुस्लिम समाज के लोग रोजा रखेंगे जो भी मुस्लिम भाई रोजा रखेंगे उन्हें इस वेबसाइट पर रमजान से जुडी सभी दुआओ के बारे में पूरी जानकारी मिलेगी।

रमजान का महीना साल एक बार आता है जिस कारण कई मुस्लिम रमजान की दुआ या रोजा रखने की दुआ भूल जाते है आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में यह स्वभाविक भी है लेकिन आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है इस लेख के अंतर्गत रोजा रखने की दुआ और रोजा खोलने की दुआ पूरी तरह से लिखी गयी है।


रोजा खोलने की दुआ


साल में एक महीने यानि 30 दिन मुस्लिमों के लिए रमजान का महीना होता है इस दौरान मुस्लिम समाज के लोग सूर्य उदय होने से पहले हल्का भोजन करते है उसके पश्चात पूरे दिन कुछ भी नहीं खाते और पीते है फिर सूर्यास्त के पश्चात रोजा खोलते और मस्जिद में जाकर नमाज पढ़कर अपना रोजा पूरा करते है। रमजान का महीना काफी पवित्र माना जाता है इस दौरान जो व्यक्ति जितना पुण्य करता है उस 70 गुना ज्यादा फल मिलता है।

रोजा रखने की दुआ हिंदी में


जब मुस्लिम धर्म के लोग सूर्यास्त के पश्चात रोजा खोलते है तो उन्हें इफ्तार से पहले रोजा खोलने की दुआ पढ़नी चाहिए जो निम्न प्रकार है

मुस्लिम भाई को इफ्तार की शुरुआत बिस्मिल्लाह हिर रहमान निर रहीम के साथ करनी चाहिए इसके पश्चात नीचे बताई रोजा रखने की दुआ पढ़नी चाहिए

” अल्लाहुमा लका सुमतु व बि क आमन्तू – व अलै क तवककल्तु व अला रिजि का अफ्तरतो“

अगर आप रोजा रखने की दुआ उर्दू में पढ़ना चाहते है तो नीचे की दुआ पढ़ सकते है

اَللّٰهُمَّ اِنِّی لَکَ صُمْتُ وَبِکَ اٰمَنْتُ وَعَلَيْکَ تَوَکَّلْتُ وَعَلٰی رِزْقِکَ اَفْطَرْتُ

अगर आपने रोजा रखा है और आप रोजा खोलने वाले है तो आपको रोजे की दुआ मुँह से पढ़ना काफी बेहतर माना जाता है इस्लाम की उतप्ति अरब से हुई है इस कारण आपको रोजे की नियत अरबी में करते है तो वे काफी अच्छा होता है क्योंकि हिंदी में रोजे की दुआ को सही से पढ़ा और लिखा नहीं जा सकता है।



रोज़ा रखने की नियत


रोजा रखने की नियत के बारे में आप पहले ही जान चूके है जब आप सेहरी खाने के लिए जागते है तो नियत करना बेहद अहम हो जाता है खासतौर आप अपने मुँह से रोजे की दुआ करते है तो वे कबूल हो जाता है हालाँकि कई मुस्लिम मानते है की हर रोजे की नियत करना जरूरी नहीं है आपको सभी रोजे की नियत एक साथ कर लेनी चाहिए यह पूरी तरह आप पर निर्भर है।

अगर आप मालिक से इतनी भी दुआ कर लेते है की आज मेरा रोजा है या फिर रात कल मेरा रोजा है की दुआ कर लेते है तो आपका रोजा कबूल हो जाता है।

कई मुस्लिम भाइयो को रोजा रखने की नियत याद नहीं रहती है या फिर बीमार होते है तो इस बात को ध्यान में जरूर रखें की आप चाहे दिन भर भूखे प्यासे रहें लेकिन आपने रोजे की नियत नहीं की तो आपका रोजा कबूल नहीं होता है इसलिए आपको हर एक रोजा रखने से पहले रोजे की नियत के जरूर करनी चाहिए।

सेहरी और इफ्तार का समय


मुस्लिम समाज के लोग रमजान के महीने में भूखे प्यासे रहकर रोजा रखते है लेकिन इस दौरान वे सेहरी और इफ्तार भी करते है।

रमजान के महीने में रोजा रखने से पहले हल्का भोजन किया जाता है जो सुबह तकरीबन 4:30 बजे किया जाता है इसे सेहरी कहा जाता है,सेहरी सुबह की अजान और सूर्योदय से पहले की जाती है।

दिन भर रोजा रखने के बाद शाम के समय नमाज के वक्त भोजन करते है उसे इफ्तार कहा जाता है इस समय मुस्लिम समाज के लोग नमाज पढ़ते है और फिर भोजन करते है।

निष्कर्ष


उम्मीद है दोस्तों आपको इस लेख में रोजा रखने और रोजा खोलने की दुआ के बारे में पूरी जानकारी मिली होगी,मुस्लिम समाज साल में एक महीना रमजान के पवित्र महीने में रोजे करता है उसका पश्चात चाँद नजर आने पर ईद का त्यौहार मनाया जाता है। दोस्तों आप भी मुस्लिम समाज से है और किसी अन्य मस्नून की दुआ जानना चाहते है तो उसे कमेंट बॉक्स में जरूर बताए।

रोजा खोलने की दुआ को सभी मुस्लिम भाइयो तक हिंदी में पहुंचाने की जिम्मेदारी आपकी है ताकि सभी मुस्लिम भाई रोजे की नियत कर सकें जिससे मालिक उनका रोजा कबूल कर लें।

दोस्तों समय कम होने के कारण वेबसाइट पर ज्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं हो पाती है इसलिए आपसे अनुरोध है आप वेबसाइट के फेसबुक पेज और टेलीग्राम चैनल पर जुड़े ताकि आपको पूरी जानकारी सबसे पहले मिल सकें।  

दोस्तों यह लेख A से लड़कियों के नाम के बारे में पूरी जानकारी हिंदी में अपने सभी दोस्तों और परिवार के साथ इंस्टाग्राम , व्हाट्सप्प और ट्विटर पर शेयर करें ताकि उन्हें भी सारी जानकारी हिंदी में मिल सकें।


FAQ


रोजा खोलने की दुआ हिंदी में बताए ?

रोजा खोलने की दुआ हिंदी में  ” अल्लाहुमा लका सुमतु व बि क आमन्तू – व अलै क तवककल्तु व अला रिजि का अफ्तरतो“ है।

रोजा खोलने की दुआ अरबी/उर्दू में बताइए ?

रोजा खोलने की दुआ अरबी/उर्दू में “اَللّٰھُمَّ لَکَ صُمْتُ وَعَلٰ رِزْقِکَ اَفْطَرْتُ” है।

रोजा खोलने की दुआ इंग्लिश में बताइए ?

रोजा खोलने की दुआ इंग्लिश में “Allahumma inni laka sumtu wa bika aamantu wa ‘alayka tawakkaltu wa ‘ala rizq-ika aftarthu” है।  

रोजा खोलने के लिए क्या खाना चाहिए?

रोजा खोलने के लिए आपको लीन मीट,अंडे,फल,दही,पनीर और अन्य हेल्थी खाद्य पदार्थो का सेवन करना चाहिए।

रोजा रखने वाला को क्या कहते है

रोजा को अरबी में "सौम" और संस्कृत में उपवास कहते है।



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