Eco Friendly Diwali कैसे मनाएँ - 10 बेहतरीन तरीकों से जाने


दोस्तों दीपावली भारत में मनाया जाने वाला सबसे बड़ा पर्व है , लेकिन दीपावली पर बढ़ रहे प्रदूषण को रोकने के लिए Eco Friendly Diwali की मनाने की पहल बढ़ती जा रही है। भारत हर वर्ष हर्षोल्लास के साथ मनाया जाने वाला दिवाली पर्व बहुत जल्द आने वाला है , इस पर्व की तैयारियाँ एक महींने पहले ही शुरू हो जाती है। इस रौशनी और खुशियों के पर्व को वर्तमान में हमने काफी खतरनाक बना दिया है , 

दिवाली पर होने वाले कुछ ऐसे रसायनिक पर्दार्थ जैसे पटाखे आदि द्वारा हवा को काफी विषैला बना दिया है। दीवाली के पश्चात हवा में प्रदूषण काफी बढ़ जाता है जिससे साँस लेना काफी कठिन हो जाता है और साँस से जुडी बीमारियाँ फैलने का खतरा भी काफी बढ़ जाता है , तो इन्हीं सभी कारणों से बचने के लिए Eco Friendly Diwali मनाने की सलाह दी जाती है।

 यहाँ पर कई लोगो को Eco Friendly Diwali के बारे में पता होगा लेकिन जिन्हें नहीं पता है और वे जानना चाहते है तो इस लेख को पूरा जरूर पढ़े। 

दिवाली के त्यौहार पर देश में एक अलग माहौल देखने को मिलता है , हर किसी के चेहरे पर ख़ुशी और हँसी नजर आती है। दिवाली पर आस पास के लोगो के साथ उपहार , मिठाई ,स्नेह और प्यार बाँटकर इस रौशनी के उत्सव को मनाया जाता है , और सही  मायने में दीवाली का त्यौहार इसी प्रकार मनाया जाता है। 

वर्तमान में रासायनिक कैमिकल से दिवाली का त्यौहार पर्यावरण और हमारे लिए खतरा बन गया है।  तो हमारे चारों तरफ की हवा को साफ और पर्यावरण को बचाने के लिए इको फ्रेंडली दिवाली मनाना सबसे अच्छा तरीका है तो आप इको फ्रेंडली दिवाली कैसे मनाएंगे इसके बारे कुछ जानकारी मै आपको दूंगा। 


इको फ्रेंडली दिवाली क्या है 

Eco Friendly Diwali कैसे मनाएँ



दीवाली के बारे में तो आपने पहले भी सुना होगा लेकिन Eco Friendly Diwali क्या है इसके बारे कम लोग जानते है। इको फ्रेंडली दिवाली के अंतर्गत पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए , पर्यावरण के अंतर्गत आने वाली किसी भी वस्तु या जीव को बिना नुकसान पहुँचाए दिवाली मनाने को इको फ्रेंडली दिवाली कहते है। इको फ्रेंडली दिवाली के अंतर्गत पटाखे और प्लास्टिक से बनी सामग्री का इस्तेमाल नहीं करनी चाहिए। 


यहाँ पर आपको कुछ 10 बेहतरीन तरिके बताएं गए है जिनसे प्रदूषण मुक्त और इको फ्रेंडली दिवाली मना सकें। 


मिट्टी के दीयों का इस्तेमाल करें 

प्राचीनकाल से ही दीपावली के पर्व पर मिट्टी के दीपक का इस्तेमाल होता आ रहा है , लेकिन बाजार में आ रहे  प्लास्टिक के दीपक और लाइट्स इस त्यौहार की गरिमा को कम कर रहे है और इससे दीपक बनाने वाले मजदूर भी बेरोजगार हो रहे है। 

दीपावली के त्यौहार पर मिट्टी के दीयों का इस्तेमाल करने से कारीगरों को भी रोजगार मिलता है। इसके अलावा प्रकृति भी सुरक्षित रहती है। इको फ्रेंडली दिवाली की मुहिम को आगे बढ़ाने के लिए आपको अपने नजदीकी स्कूल और कॉलेज में जाकर आपको उन्हें  Eco Friendly Diwali के प्रति जाग्रत करना चाहिए और मिट्टी के दीये भेंट करने चाहिए। 


पटाखों का इस्तेमाल  न करें 

दिवाली आते ही सभी पटाखों को छोड़ने के लिए बेताब रहते है ,लेकिन पटाखे सिर्फ नुकसान दायक होते है इससे कोई भी फायदा नहीं होता है। पटाखों द्वारा वायु प्रदूषण , ध्वनि प्रदूषण व कई प्रकार के स्कीन से जुड़े रोग होते है। पटाखों द्वारा कई प्रकार पर्यावरण को हानि होती है , इसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली  में पटाखों से संबधित कुछ फैसले भी सुनाए थे। पटाखों  को बंद करते हुए यह दिवाली Eco Friendly Diwali मनाए। 


घर की सजावट में सही सामान का उपयोग करें 

दिवाली के समय घर की साफ सफाई की जाती है और सजावट भी की जाती है , क्यूँकि यह माना जाता है जहाँ स्वछ्ता होती है वहाँ पर धन की देवी महालस्मि निवास करती है। आपको घर की सजावट के लिए प्लास्टिक से बने सामान का उपयोग नहीं करना है बल्कि आपको इको फ्रेंडली सामान का उपयोग करना है। इन सभी उत्पादों को आप घर बैठे कम खर्चे में इंटरनेट की सहायता से बना सकते है। 


दान करें 

दिवाली खुशियों का त्यौहार है तो आप भी छोटा सा दान करके किसी के चेहरे पर ख़ुशी ला सकते है , जैसे दिवाली की साफ सफाई के दौरान कोई सामान जो आपके काम नहीं आ रहा है तो आप उसे किसी जरूरतमंद को दे। इसके अलावा किसी NGO में जाकर उन लोगो के साथ भी खुशियाँ बाँटे जिनके पास पैसे नहीं है। 

आप उनके लिए कुछ न कुछ उपहार लेकर जरूर जाए। क्यूंकि आपके एक छोटे से तोहफे से उनके चेहरे पर जो ख़ुशी और मुस्कान देखने को मिलेगी उसे हम कभी पैसे से नहीं खरीद सकते है। दिवाली के इस त्यौहार पर हर चेहरे पर खुशियाँ प्रदान करें। 


जानवरो की रक्षा करें 

दीपावली के त्यौहार पर कुछ लोग अपने मजे के लिए पटाखों को जानवर के पास छोड़ते है जिससे उन्हें काफी चोट लगती है। कई जानवर इतनी तेज आवाज को सुनने की शमता नहीं होती है इस कारण वे इधर उधर भागने लगते है , इससे कोई बड़ी घटना भी हो सकती है। अपने मनोरंजन के लिए कभी दूसरों को तकलीफ न दे। जानवर भी इस पर्यावरण का ही हिस्सा है तो इन्हें बिना नुकसान पहुंचाए इको फ्रेंडली दिवाली मनाएँ। 


प्लास्टिक का उपयोग न करें 

प्लास्टिक पर्यावरण को काफी नुकसान पहुँचाता है , दीवाली के दौरान अपने घर पर मिठाई व उपहार लाने पर प्लास्टिक की पॉलीथिन का उपयोग न करें , प्लास्टिक धरती से नष्ट होने में काफी समय लगाता है। इस दिवाली पॉलीथिन का यूज़ न करने की कसम ले और दूसरों को भी प्रेरित करें। दिवाली पर मिठाई और उपहार के लिए कागज से बनी थैलियों और कार्टून का उपयोग करें। 


मिठाई घर पर ही बनाएँ। 

अगर आपको किसी भी प्रकार की मिठाई बनाना आता है तो इस दिवाली पर घर पर ही मिठाई बनाए ,  कोरोना के चलते थोड़ी सावधानी भी बरती जा सकती है। मिठाई बनाते समय सभी परिवार के सदस्य साथ होते है जिससे मिठाई के अंदर सामान के साथ साथ परिवार की खुशियां भी शामिल होती है। इससे आपके पैसे भी बचेंगे और मिठाई भी बिना मिलावट की शुद्ध प्राप्त होगी। इस दिवाली अपने हाथ से बनी मिठाई से सभी का मुँह मीठा करवाए। 

स्वछता बनाए 

दिवाली के बाद दिवाली के दौरान उपयोग लिए गए सामान और पटाखों के जलाने के पश्चात उनका कचरा वातावरण को काफी प्रदूषित करता है।  Eco Friendly Diwali के लिए स्वछता का योगदान काफी होता है। दिवाली के समय काम आने वाली सामग्री जैसे लाइट्स , दिए और अन्य सजावटी सामान को बाहर न फेँककर सुरक्षित रखें ताकि वे अगली साल भी हमारे काम आ सकें। इस दिवाली को स्वच्छ व सुंदर तरिके से मनाए। 


 ऑर्गेनिक सामान का उपयोग करें 

दिवाली के दौरान रंगोली बनाने के लिए उन रंगो का ही प्रयोग करें जो हमारे लिए हानिकारक न  हो। इसके अलावा भगवान के चित्र और पोस्टर इस प्रकार इस्तेमाल करें जो प्रकृति को भी नुकसान न पहुँचाए और देखने में भी काफी अच्छे लगे। 


इस दीवाली कुछ नया करें 

कोरोना के कारण हमें अपनी दैनिक दिनचर्या में भी  बदलाव करने पड़े तो इस दिवाली पर कुछ नया करें जैसे डाइबिटीज़ को न्योता देने वाली मिठाई की जगह सेहतमंद गुणकारी डॉयफ्रुट्स बिदाम काजू दें, और गले मिलने की जगह इस बार नमस्ते ही करें और सोशल दूरी बनाए , प्रकृति को बचाने के लिए हवा को शुद्ध बनाने वाले पौधे का उपयोग करें व इसके अलावा आप मास्क और सैनिटाइज़र भी बाँट  सकते है। 


निष्कर्ष 

अगर आपको लगता है की इस लेख को पढ़कर आपके मन में पर्यावरण के प्रति नई भावना जागृत हुई है ,  और आप इको फ्रेंडली दिवाली मनाने के लिए प्रेरित हुए है या पर्यावरण से जुड़े  कुछ तथ्य इस लेख में आना बाकि रह गए है तो आप कमेंट में बता सकते है। Eco Friendly Diwali की मुहिम को आगे बढ़ाने के लिए इस लेख को सभी सोशल मीडिया प्लेटफार्म जैसे व्हाट्सप ,फेसबुक और इंस्टाग्राम पर शेयर जरूर करें। 


 

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