नमस्कार दोस्तों हमारे हिन्दू सनातन धर्म में किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले पंचांग अवश्य देखते है और ज्यादतर लोग तो बिना पंचांग देखें कोई भी काम नहीं करते है इसलिए इस लेख में हमने कल का पंचांग बताया है हमने यहाँ पर सितंबर महीने पंचांग और तिथियों की जानकारी बताई है हिन्दू धर्म के अंतर्गत पंचांग का महत्व काफी ज्यादा होता है पंचांग से ही आज के दिन का शुभ - अशुभ समय के साथ काल से संबधित जानकारी प्राप्त कर सकते है।
सनातन धर्म में कोई भी शुभ कार्य जैसे व्यवसाय की शुरुआत,खरीदारी,पूजा - पाठ और घर प्रवेश आदि शुभ मुहूर्त देखकर ही किये जाते है इसके लिए उस दिन का पंचांग देखा जाता है। इस लेख में हमने कल का पंचांग बताया है जिससे आपको कल शुभ मुहूर्त और शुभ समय व काल के बारे में जानने में आसानी होगी।
कल का पंचांग
सनातन धर्म का पालन करने वाले हर व्यक्ति के लिए किसी भी विशेष कार्य को करने के लिए पंचांग का महत्व काफी ज्यादा होता है इससे हम किसी भी दिन शुभ-अशुभ समय और काल के बारे में जान सकते है जिससे हमारा कार्य सही मुहूर्त में हो जिससे कार्य में सफलता भी मिले।
नीचे दी गयी सूचि में हमने कल का पंचांग,नक्षत्र,तिथि,पक्ष आदि की जानकारी प्रदान की है आप कल का पंचांग देखने के लिए कल की तारीख के आगे बताई जानकारी देखें।
- विक्रम संवत - 2080
- शक संवत - 1945 शुभ कृत
- माह - 1 सितंबर 2023 से 29 सितंबर तक भाद्रपद मास है उसके बाद आश्विन मास शुरू होगा।
- ऋतू - वर्षा ऋतू
तारीख | नक्षत्र | वार | तिथि | पक्ष |
---|---|---|---|---|
1 सितंबर | पूर्वभाद्रपदा | शुक्रवार | द्वितीया | कृष्ण |
2 सितंबर | उत्तरभाद्रपदा | शनिवार | तृतीया | कृष्ण |
3 सितंबर | रेवती/अश्विनी | रविवार | चतुर्थी | कृष्ण |
4 सितंबर | अश्विनी/भरणी | सोमवार | पंचमी | कृष्ण |
5 सितंबर | भरणी/कृत्तिका | मंगलवार | षष्ठी | कृष्ण |
6 सितंबर | कृत्तिका/रोहिणी | बुधवार | सप्तमी | कृष्ण |
7 सितंबर | रोहिणी/म्रृगशीर्षा | गुरुवार | अष्टमी | कृष्ण |
8 सितंबर | म्रृगशीर्षा/आद्रा | शुक्रवार | नवमी | कृष्ण |
9 सितंबर | आद्रा | शनिवार | दशमी | कृष्ण |
10 सितंबर | पुनर्वसु | रविवार | एकादशी | कृष्ण |
11 सितंबर | पुष्य | सोमवार | द्वादशी | कृष्ण |
12 सितंबर | आश्लेषा | मंगलवार | त्रयोदशी | कृष्ण |
13 सितंबर | मघा | बुधवार | चतुर्दशी | कृष्ण |
14 सितंबर | पूर्व फाल्गुनी | गुरुवार | अमावस्या | कृष्ण |
15 सितंबर | उत्तर फाल्गुनी | शुक्रवार | अमावस्या/प्रतिपदा | कृष्ण |
16 सितंबर | हस्त | शनिवार | प्रतिपदा | शुक्ल |
17 सितंबर | हस्त/चित्रा | रविवार | द्वितीया | शुक्ल |
18 सितंबर | चित्रा/स्वाति | सोमवार | तृतीया | शुक्ल |
19 सितंबर | स्वाति/विशाखा | मंगलवार | चतुर्थी | शुक्ल |
20 सितंबर | विशाखा | बुधवार | पंचमी | शुक्ल |
21 सितंबर | अनुराधा | गुरुवार | षष्ठी | शुक्ल |
22 सितंबर | ज्येष्ठा | शुक्रवार | सप्तमी | शुक्ल |
23 सितंबर | मूल | शनिवार | अष्टमी | शुक्ल |
24 सितंबर | पूर्वाषाढ़ा | रविवार | नवमी | शुक्ल |
25 सितंबर | उत्तराषाढ़ा | सोमवार | दशमी/एकादशी | शुक्ल |
26 सितंबर | श्रवण/धनिष्ठा | मंगलवार | द्वादशी | शुक्ल |
27 सितंबर | धनिष्ठा/शतभिषा | बुधवार | त्रयोदशी | शुक्ल |
28 सितंबर | पूर्वभाद्रपदा | गुरुवार | चतुर्दशी | शुक्ल |
29 सितंबर | उत्तरभाद्रपदा | शुक्रवार | पूर्णिमा | शुक्ल |
30 सितंबर | रेवती | शनिवार | प्रतिपदा | कृष्ण |
निष्कर्ष
उम्मीद है आपको इस लेख के माध्यम से कल का पंचांग जानने को मिला होगा सनातन धर्म में पंचांग का कितना महत्व है हम सभी को पता है क्योंकि हम सभी अपने कार्य शुभ मुहूर्त में ही करते है अगर आपको पंचांग या हिन्दू धर्म से संबधित कोई भी जानकारी प्राप्त करनी है तो कमेंट बॉक्स में जरूर बताए।
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