आरती माँ लक्ष्मी जी की आरती | दिवाली की आरती | ओम जय लक्ष्मी माता आरती

अगर आप दिवाली की आरती या माता लक्ष्मी जी की आरती दिवाली की तलाश करते हुए इस लेख तक पहुँचे है तो स्वभाविक रूप से आज दिवाली का दिन है और मेरी तरफ से आप और आपके परिवार को दिवाली की हार्दिक शुभकामनाऍ।

दीपावली भारतवर्ष का सबसे बड़ा त्यौहार है खासतौर हिन्दू,बौद्ध,सिख और जैन इसे पूरी खुशहाली के मनाते है जिसके पीछे कई अनेक कारण है उनमें सबसे बड़ा और प्रमुख कारण है की दीपावली के दिन ही भगवान श्री राम 14 वर्ष का वनवास समाप्त करके अयोध्या वापस लौटे थे जिसकी ख़ुशी अयोध्या सहित अखंड भारत में मनाई। जब प्रभु श्री राम और सीता मैया अयोध्या लौटे तो उस दिन अमावस्या की काली रात थी इसलिए समस्त अयोध्या वासियों ने दीपक जलाकर चारों तरफ उजाला किया और प्रभु श्री राम का स्वागत किया।

कहा जाता है दीपावली के दिन ही देवताओं द्वारा समुद्र मंथन किया गया था जहाँ माता लक्ष्मी प्रकट हुई थी तभी से दीपावली के दिन माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है,पौराणिक कथाओं के अनुसार दीपावली के दिन लक्ष्मी माता सम्पूर्ण पृथ्वी का चककर लगाती है और जिस घर में साफ सफाई होती है वहाँ प्रवेश करके उस घर में सुख समृद्धि और खुशहाली लेकर आती है इसी कारण दिवाली के दिन सभी लोग अपने घरों की साफ सफाई करते है और रंगोली एवं दीपक से घर की सजावट करते है ताकि देवी लक्ष्मी उनके घर में प्रवेश करें।

दीपावली के दिन मुहूर्त और सनातन धर्म के रीती रिवाजों अनुरूप लोग अपने घरों में माता लक्ष्मी की पूजा करते है जिसमें उन्हें माँ लक्ष्मी जी की आरती भी करनी होती है हालाँकि घर की महिलाओं को लक्ष्मी जी गणेश जी की आरती पता होती है लेकिन फिर भी किसी को माता लक्ष्मी जी की आरती नहीं पता है तो वे लेख में बताई गयी लक्ष्मी जी की आरती से दिवाली पूजा कर सकते है।


maa laxmi ki aarti



आरती माँ लक्ष्मी जी की \ दिवाली पूजा आरती


ॐ जय लक्ष्मी माता मैया जय लक्ष्मी माता

तुमको निशदिन सेवत

तुमको निशदिन सेवत

हरि विष्णु विधाता

ॐ जय लक्ष्मी माता


मा रमा ब्रह्माणी तुम ही जगमाता

मैया तुम ही जगमाता

सूर्य चन्द्रमा ध्यावत

सूर्य चन्द्रमा ध्यावत

नारद ऋषि गाता

ॐ जय लक्ष्मी माता

 

दुर्गा रूप निरंजनी सुख सम्पत्ति दाता

मैया सुख सम्पत्ति दाता

जो कोई तुमको ध्यावत

जो कोई तुमको ध्यावत

ऋद्धि-सिद्धि धन पाता

ॐ जय लक्ष्मी माता

 

तुम पाताल निवासिनि तुम ही शुभदाता

मैया तुम ही शुभदाता

कर्मप्रभावप्रकाशिनी कर्मप्रभावप्रकाशिनी

भवनिधि की त्राता

ॐ जय लक्ष्मी माता



जिस घर में तुम रहतीं सब सद्गुण आता

मैया सब सद्गुण आता

सब सम्भव हो जाता सब सम्भव हो जाता

मन नहीं घबराता

ॐ जय लक्ष्मी माता

 

तुम बिन यज्ञ न होते वस्त्र न कोई पाता

मैया वस्त्र न कोई पाता

खान पान का वैभव खान पान का वैभव

सब तुमसे आता

ॐ जय लक्ष्मी माता

 

शुभ गुण मन्दिर सुन्दर क्षीरोदधि जाता

मैया सुन्दर क्षीरोदधि जाता

रत्न चतुर्दश तुम बिन

रत्न चतुर्दश तुम बिन कोई नहीं पाता

ॐ जय लक्ष्मी माता

 

महालक्ष्मीजी की आरती जो कोई नर गाता

मैया जो कोई नर गाता

उर आनन्द समाता

उर आनन्द समाता पाप उतर जाता

ॐ जय लक्ष्मी माता

 

ॐ जय लक्ष्मी माता मैया जय लक्ष्मी माता

तुमको निशदिन सेवत

तुमको निशदिन सेवत

हरि विष्णु विधाता

ॐ जय लक्ष्मी माता | ॐ जय लक्ष्मी माता | ॐ जय लक्ष्मी माता..



उम्मीद है आपने लेख में बताई माता लक्ष्मी जी की आरती से दिवाली पूजा को अच्छी प्रकार से सम्पन्न कर लिया होगा,दोस्तों ज्यादातर लोग दिवाली पूजा आरती में सिर्फ लक्ष्मी जी की आरती करते है लेकिन कई लोग लक्ष्मी जी गणेश जी की आरती करके दिवाली की आरती करते है अगर आपको गणेश जी की आरती लक्ष्मी जी की आरती साथ चाहिए तो कमेंट बॉक्स में बताए।

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