रितेश अग्रवाल बायोग्राफी इन हिंदी - संघर्ष से सफलता का सफर

 

 नमस्कार दोस्तों इस लेख में हम OYO Rooms CEO रितेश अग्रवाल बायोग्राफी इन हिंदी में जानेंगे। रितेश अग्रवाल जी का जन्म 16 नवंबर 1993 में ओडिशा के रायगढ़ जिले के छोटे से गांव बिसम में हुआ। रितेश जी एक मारवाड़ी परिवार से थे और इनके परिवार में कुल 6 सदस्य थे जिनमें इनके 3 भाई - बहन और माता - पिता शामिल है। 

रितेश जी के परिवार की भी आर्थिक स्तिथि काफी कमजोर थी  इनके पिता जी infrastructure corporation से जुड़े काम किया करते थे और माता जी घर का काम  और बच्चों की जिम्मेदारी संभालती थी। रितेश ने अपनी शुरूआती शिक्षा रायगढ़ (कटक , ओडिशा ) में स्तिथ Sacred Heart School से की थी।  

ritesh agarwal biography in hindi
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रितेश जी जब 4th कक्षा में थे तब उनकी बड़ी बहन जो एक इंजीनियर थी उन्होंने अपने घर सभी को बताया की आज हमारे कॉलेज में Entrepreneurs Fest हुई जिसमें कई सारे  Entrepreneur आये और रितेश जी को Entrepreneur शब्द काफी पसंद आ गया लेकिन इसका मतलब उन्हें पता नहीं था। इस शब्द से रितेश जी ने स्कूल में भी हर किसी का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित किया। 

रितेश जी के परिवार में इनके भाई बहन इंजीनियर थे और इसी तरह रितेश जी भी इंजीनियर बनने के लिए कोटा ( राजस्थान ) चले गए। रितेश जी कोटा इंजीनियर  बनने जरूर गए थे लेकिन अभी भी दिमाग में Entrepreneur बनने की चाह थी और इसी  कारण यह Weekend के दौरान दिल्ली जाते थे वहाँ पर  Entrepreneurs को देखते थे उनकी कार्यशैली , रहन - सहन  पहनावा के बारे में जायजा लेते थे लेकिन इस कारण उनकी पढ़ाई बाधित न हो इसलिए वे एग्जाम के दौरान पढ़ाई  भी करते थे और अच्छे मार्क्स भी लेकर आते थे। 


Oyo Rooms की शुरुआत 

रितेश जी को Travel करना काफी पसंद था इसलिए वे हर नए नए स्थानों पर घूमने के लिए जाते थे , जब वे घूमने जाते थे तो कई होटल में भी रुकते थे लेकिन वहाँ पर उनसे पैसे भी काफी लिए  जाते थे और सुविधाएँ बहुत ही कम मिलती थी और इसी तरह उन्हें यह भी अंदाजा हुआ की भारत में हर दिन कितने लोग इस समस्या से परेशान होते होंगे और इसी तरह रितेश जी के मन में ख्याल आया की वे ऐसे होटल तैयार करें जहाँ पर ग्राहक को कम पैसो अच्छी सुविधाएँ मिल सकें.

 इसी तरह 17 साल के रितेश अग्रवाल ने अपनी पहली कंपनी Oravel PVT. LMT. के नाम पर बनाई इसके लिए वे कई ऐसे होटल मालिकों के पास गए जिनके पास ग्राहक नहीं आते थे और रितेश जी उनसे कहते थे की आप मुझे अपना मकान दीजिये मै उसे तैयार करूंगा और ग्राहक लेकर आऊँगा यह सुनकर होटल मालिक यह सोचते थे |

यह 17 साल का लड़का सिर्फ अपने पैसे बर्बाद करने आया है और लेकिन अभी उन्हें रितेश जी काबिलियत का अंदाजा नहीं था। इसी तरह 2012 में oravel की शुरुआत हुई Oravel में ग्राहक को पैसे तो कम देने पड़ते थे लेकिन कम सुविधाओं के कारण Oravel का Graph नीचे की तरफ गिरने लगा क्यूंकि इस समय रितेश जी के पास पैसे और स्टाफ की कमी थी। 

रितेश जी को तब एक फिल्म के माध्यम से Paypal के Founder Peter Thiel द्वारा संचालित Thiel Fellowship के बारे में पता चला इसमें 20 वर्ष की उम्र से कम Entrepreneur को $1,00,000 दिए जाते है लेकिन इसके लिए कॉलेज छोड़ना पड़ता है और रितेश जी इसी कारण अपने कॉलेज को ड्रॉपआउट कर दिया और इसी प्रकार रितेश जी एशिया के पहले व्यक्ति थे जो Thiel Fellowship के लिए चुने गए और उन्हें यह राशि मिली। 

अब रितेश जी के पास पैसे की कमी नहीं थी और उन्होंने 2013 में Oravel को OYO में बदल दिया और अभी रितेश जी के पास अच्छा खासा स्टाफ था और उन्होंने सभी से पूछा इस महीनें कितने रूम लेने चाहिए तो किसी ने 20 , 50 बताया लेकिन रितेश जी ने 100 रूम का टारगेट  रखा और उन्होंने इस महीने कुल 135 रूम लिए उसके बाद OYO ने पीछे  मुड़कर नहीं देखा और बड़ी मात्रा में लोगो के कॉल आने लगे और इसी तरह OYO हर जगह फैलता गया। इसके साथ ही OYO को बड़ी मात्रा में फंडिंग भी मिलने लगी जैसे 2015 में OYO को Soft बैंक ने $100 मिलियन की फंडिंग दी। 


इसी तरह Gurgaon के एक कमरे शुरू हुआ OYO भारत का सबसे बड़ा होटल चैन जोड़ने वाली कंपनी  बनी और भारत के साथ साथ चीन में भी Top 5 और दुनिया में 3 तीसरे स्थान पर आने वाली Fastest Growing Chain Franchised है। जो भविष्य में और भी ज्यादा आगे बढ़ेगी। 


OYO के पार्टनर कैसे बने 

दोस्तों अगर आप चाहे तो आप भी OYO के पार्टनर बन सकते है आपको OYO की वेबसाइट पर जाना है और टीम से संपर्क करना है और अब OYO के टीम मेंबर आपसे संपर्क करेंगे और आपको अपने कंपनी की पॉलिसी और एग्रीमेंट के बारे में बताएंगे अगर आप उनसे सहमत है तो OYO उसे मैनेज करेगा और आपको उसका किराया मिलेगा। 


OYO से क्या फायदा है 

दोस्तों OYO से पहले ग्राहकों को किसी भी शहर में जाने से पहले होटल को ढूँढना पड़ता था और कई बार तो वहाँ के टैक्सी वाले अपने कमीशन के ग्राहक को महंगे होटल में लेकर चले जाते थे जहाँ पर पैसे भी काफी लिए जाते थे और सुविधाएँ नाम मात्र दी जाती थी लेकिन OYO में ग्राहक को कम पैसों में हर होटल में समान क्वालिटी मिल जाती है और सुविधा भी काफी अच्छी मिलती है जिससे ग्राहक और होटल मालिक दोनों को फायदा मिलता है। ग्राहक Oyo के App के माध्यम से आसानी के साथ किसी भी शहर में Room बुक कर सकता है। 


रितेश अग्रवाल जी के अवार्ड 

  • उपभोक्ता तकनीक क्षेत्र में फोर्ब्स "30 अंडर 30"
  • 2013 में शीर्ष 50 उद्यमी TATA फर्स्ट डॉट द्वारा NEN पुरस्कारों द्वारा संचालित
  • 2014 में TiE- लुमिस एंटरप्रेन्योरियल एक्सीलेंस अवार्ड
  • बिजनेस वर्ल्ड युवा उद्यमी पुरस्कार


रितेश जी से हमें क्या सीख मिलती है 

रितेश जी ओडिशा के कटक के छोटे से गांव बिसम के मारवाड़ी परिवार से थे लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और आगे बढ़ते गए आज वे भारत के सबसे युवा Entrepreneur में से एक है और इतना संघर्ष करने के बाद OYO को देश विदेश तक पहुँचाया। 

इस प्रकार हमें भी हार नहीं माननी चाहिए और आगे बढ़ते रहना चाहिए क्यूँकि रितेश जी के पास भी कोई डिग्री नहीं थी और न पैसे थे और नहीं  न ही कोई बड़ा समर्थन था लेकिन इनके सही रणनीति , काबिलियत थी और मेहनत करते रहे और आज इतनी कम उम्र में भारत के सबसे सफल बिजनेसमैन में से एक है और उनकी सफलता आपके सामने है। 

निष्कर्ष 

दोस्तों उम्मीद करता हूँ आपको यह लेख रितेश अग्रवाल बायोग्राफी इन हिंदी पसंद आया होगा और आपको रितेश जी के जीवन से काफी कुछ सीखने को मिला होगा जिन्हें आप अपने जीवन में जरूर काम लें क्या पता अगला लेख आपके ऊपर हो। दोस्तों अगर आपको किसी प्रकार का डाउट है तो कमेंट बॉक्स में पूछ सकते है 


अगर आपको लगता है आपको इस लेख रितेश अग्रवाल बायोग्राफी इन हिंदी में कुछ सिखने को मिला है तो आप इसे सभी सोशल मीडिया नेटवर्क जैसे व्हाट्सप ,फेसबुक और इंस्टाग्राम पर शेयर कर सकते है।



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